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يُوْفُوْنَ بِالنَّذْرِ وَيَخَافُوْنَ يَوْمًا كَانَ شَرُّهٗ مُسْتَطِيْرًا   ( الانسان: ٧ )

They fulfill
يُوفُونَ
वो पूरी करते हैं
the vows
بِٱلنَّذْرِ
नज़र / मन्नत
and fear
وَيَخَافُونَ
और वो डरते हैं
a Day
يَوْمًا
एक दिन से
(which) is
كَانَ
होगा
its evil
شَرُّهُۥ
शर जिसका
widespread
مُسْتَطِيرًا
फैल जाने वाला

Yoofoona bialnnathri wayakhafoona yawman kana sharruhu mustateeran (al-ʾInsān 76:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे नज़र (मन्नत) पूरी करते है और उस दिन से डरते है जिसकी आपदा व्यापक होगी,

English Sahih:

They [are those who] fulfill [their] vows and fear a Day whose evil will be widespread. ([76] Al-Insan : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये वह लोग हैं जो नज़रें पूरी करते हैं और उस दिन से जिनकी सख्ती हर तरह फैली होगी डरते हैं