فَذُوْقُوْا فَلَنْ نَّزِيْدَكُمْ اِلَّا عَذَابًا ࣖ ( النبإ: ٣٠ )
So taste
فَذُوقُوا۟
पस चखो
and never
فَلَن
पस हरगिज़ ना
We will increase you
نَّزِيدَكُمْ
हम ज़्यादा देंगे तुम्हें
except
إِلَّا
मगर
(in) punishment
عَذَابًا
अज़ाब
Fathooqoo falan nazeedakum illa 'athaban (an-Nabaʾ 78:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'अब चखो मज़ा कि यातना के अतिरिक्त हम तुम्हारे लिए किसी और चीज़ में बढ़ोत्तरी नहीं करेंगे। '
English Sahih:
"So taste [the penalty], and never will We increase you except in torment." ([78] An-Naba : 30)