وَاِنْ يُّرِيْدُوْٓا اَنْ يَّخْدَعُوْكَ فَاِنَّ حَسْبَكَ اللّٰهُ ۗهُوَ الَّذِيْٓ اَيَّدَكَ بِنَصْرِهٖ وَبِالْمُؤْمِنِيْنَۙ ( الأنفال: ٦٢ )
But if
وَإِن
और अगर
they intend
يُرِيدُوٓا۟
वो चाहें
to
أَن
कि
deceive you
يَخْدَعُوكَ
वो धोखा दें आपको
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
is sufficient for you
حَسْبَكَ
काफ़ी है आपको
Allah
ٱللَّهُۚ
अल्लाह
He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِىٓ
जिसने
supported you
أَيَّدَكَ
ताईद की आपकी
with His help
بِنَصْرِهِۦ
साथ अपनी मदद के
and with the believers
وَبِٱلْمُؤْمِنِينَ
और साथ मोमिनों के
Wain yureedoo an yakhda'ooka fainna hasbaka Allahu huwa allathee ayyadaka binasrihi wabialmumineena (al-ʾAnfāl 8:62)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि वे यह चाहें कि तुम्हें धोखा दें तो तुम्हारे लिए अल्लाह काफ़ी है। वही तो है जिसने तुम्हें अपनी सहायता से और मोमिनों के द्वारा शक्ति प्रदान की
English Sahih:
But if they intend to deceive you – then sufficient for you is Allah. It is He who supported you with His help and with the believers ([8] Al-Anfal : 62)