اَلْـٰٔنَ خَفَّفَ اللّٰهُ عَنْكُمْ وَعَلِمَ اَنَّ فِيْكُمْ ضَعْفًاۗ فَاِنْ يَّكُنْ مِّنْكُمْ مِّائَةٌ صَابِرَةٌ يَّغْلِبُوْا مِائَتَيْنِۚ وَاِنْ يَّكُنْ مِّنْكُمْ اَلْفٌ يَّغْلِبُوْٓا اَلْفَيْنِ بِاِذْنِ اللّٰهِ ۗوَاللّٰهُ مَعَ الصّٰبِرِيْنَ ( الأنفال: ٦٦ )
Alana khaffafa Allahu 'ankum wa'alima anna feekum da'fan fain yakun minkum miatun sabiratun yaghliboo miatayni wain yakun minkum alfun yaghliboo alfayni biithni Allahi waAllahu ma'a alssabireena (al-ʾAnfāl 8:66)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अब अल्लाह ने तुम्हारे बोझ हल्का कर दिया और उसे मालूम हुआ कि तुममें कुछ कमज़ोरी है। तो यदि तुम्हारे सौ आदमी जमे रहनेवाले होंगे, तो वे दो सौ पर प्रभावी रहेंगे और यदि तुममें से ऐसे हजार होंगे तो अल्लाह के हुक्म से वे दो हज़ार पर प्रभावी रहेंगे। अल्लाह तो उन्ही लोगों के साथ है जो जमे रहते है
English Sahih:
Now, Allah has lightened [the hardship] for you, and He knows that among you is weakness. So if there are from you one hundred [who are] steadfast, they will overcome two hundred. And if there are among you a thousand, they will overcome two thousand by permission of Allah. And Allah is with the steadfast. ([8] Al-Anfal : 66)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
अब ख़ुदा ने तुम से (अपने हुक्म की सख्ती में) तख्फ़ीफ (कमी) कर दी और देख लिया कि तुम में यक़ीनन कमज़ोरी है तो अगर तुम लोगों में से साबित क़दम रहने वाले सौ होगें तो दो सौ (काफ़िरों) पर ग़ालिब रहेंगें और अगर तुम लोगों में से (ऐसे) एक हज़ार होगें तो ख़ुदा के हुक्म से दो हज़ार (काफ़िरों) पर ग़ालिब रहेंगे और (जंग की तकलीफों को) झेल जाने वालों का ख़ुदा साथी है