يَوْمَ لَا تَمْلِكُ نَفْسٌ لِّنَفْسٍ شَيْـًٔا ۗوَالْاَمْرُ يَوْمَىِٕذٍ لِّلّٰهِ ࣖ ( الإنفطار: ١٩ )
(The) Day
يَوْمَ
जिस दिन
not
لَا
ना मालिक होगा
will have power
تَمْلِكُ
ना मालिक होगा
a soul
نَفْسٌ
कोई नफ़्स
for a soul
لِّنَفْسٍ
किसी नफ़्स के लिए
anything
شَيْـًٔاۖ
कुछ भी
and the Command
وَٱلْأَمْرُ
और हुक्म
that Day
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
(will be) with Allah
لِّلَّهِ
अल्लाह ही का होगा
Yawma la tamliku nafsun linafsin shayan waalamru yawmaithin lillahi (al-ʾInfiṭār 82:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिस दिन कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के लिए किसी चीज़ का अधिकारी न होगा, मामला उस दिन अल्लाह ही के हाथ में होगा
English Sahih:
It is the Day when a soul will not possess for another soul [power to do] a thing; and the command, that Day, is [entirely] with Allah. ([82] Al-Infitar : 19)