Skip to main content

خُذْ مِنْ اَمْوَالِهِمْ صَدَقَةً تُطَهِّرُهُمْ وَتُزَكِّيْهِمْ بِهَا وَصَلِّ عَلَيْهِمْۗ اِنَّ صَلٰوتَكَ سَكَنٌ لَّهُمْۗ وَاللّٰهُ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌ   ( التوبة: ١٠٣ )

Take
خُذْ
ले लीजिए
from
مِنْ
उनके मालों में से
their wealth
أَمْوَٰلِهِمْ
उनके मालों में से
a charity
صَدَقَةً
सदक़ा
purifying them
تُطَهِّرُهُمْ
आप पाक कीजिए उन्हें
and cause them increase
وَتُزَكِّيهِم
और आप तज़किया कीजिए उनका
by it
بِهَا
साथ उसके
and bless
وَصَلِّ
और दुआए रहमत कीजिए
[upon] them
عَلَيْهِمْۖ
उनके हक़ में
Indeed
إِنَّ
बेशक
your blessings
صَلَوٰتَكَ
दुआ आपकी
(are a) reassurance
سَكَنٌ
सुकून का ज़रिया है
for them
لَّهُمْۗ
उनके लिए
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Hearer
سَمِيعٌ
ख़ूब सुनने वाला है
All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है

Khuth min amwalihim sadaqatan tutahhiruhum watuzakkeehim biha wasalli 'alayhim inna salataka sakanun lahum waAllahu samee'un 'aleemun (at-Tawbah 9:103)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम उनके माल में से दान लेकर उन्हें शुद्ध करो और उनके द्वारा उन (की आत्मा) को विकसित करो और उनके लिए दुआ करो। निस्संदेह तुम्हारी दुआ उनके लिए सर्वथा परितोष है। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है

English Sahih:

Take, [O Muhammad], from their wealth a charity by which you purify them and cause them increase, and invoke [Allah's blessings] upon them. Indeed, your invocations are reassurance for them. And Allah is Hearing and Knowing. ([9] At-Tawbah : 103)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम उनके माल की ज़कात लो (और) इसकी बदौलत उनको (गुनाहो से) पाक साफ करों और उनके वास्ते दुआएं ख़ैर करो क्योंकि तुम्हारी दुआ इन लोगों के हक़ में इत्मेनान (का बाइस है) और ख़ुदा तो (सब कुछ) सुनता (और) जानता है