और यदि मुशरिकों में से कोई तुमसे शरण माँगे, तो तुम उसे शरण दे दो, यहाँ तक कि वह अल्लाह की वाणी सुन ले। फिर उसे उसके सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दो, क्योंकि वे ऐसे लोग हैं, जिन्हें ज्ञान नहीं
English Sahih:
And if any one of the polytheists seeks your protection, then grant him protection so that he may hear the words of Allah [i.e., the Quran]. Then deliver him to his place of safety. That is because they are a people who do not know. ([9] At-Tawbah : 6)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल) अगर मुशरिकीन में से कोई तुमसे पनाह मागें तो उसको पनाह दो यहाँ तक कि वह ख़ुदा का कलाम सुन ले फिर उसे उसकी अमन की जगह वापस पहुँचा दो ये इस वजह से कि ये लोग नादान हैं
2 Azizul-Haqq Al-Umary
और यदि मुश्रिकों में से कोई तुमसे श्रण माँगे, तो उसे श्रण दो, यहाँ तक कि अल्लाह की बातें सुन ले। फिर उसे पहुँचा दो, उसके शान्ति के स्थान तक। ये इसलिए कि वे ज्ञान नहीं रखते।