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لٰكِنِ الرَّسُوْلُ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ جَاهَدُوْا بِاَمْوَالِهِمْ وَاَنْفُسِهِمْۗ وَاُولٰۤىِٕكَ لَهُمُ الْخَيْرٰتُ ۖوَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ   ( التوبة: ٨٨ )

But
لَٰكِنِ
लेकिन
the Messenger
ٱلرَّسُولُ
रसूल
and those who
وَٱلَّذِينَ
और वो लोग जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
with him
مَعَهُۥ
साथ उसके
strove
جَٰهَدُوا۟
उन्होंने जिहाद किया
with their wealth
بِأَمْوَٰلِهِمْ
साथ अपने मालों के
and their lives
وَأَنفُسِهِمْۚ
और अपनी जानों के
And those
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
for them
لَهُمُ
जिनके लिए
(are) the good things
ٱلْخَيْرَٰتُۖ
भलाईयाँ हैं
and those -
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
they
هُمُ
वो
(are) the successful ones
ٱلْمُفْلِحُونَ
जो फ़लाह पाने वाले हैं

Lakini alrrasoolu waallatheena amanoo ma'ahu jahadoo biamwalihim waanfusihim waolaika lahumu alkhayratu waolaika humu almuflihoona (at-Tawbah 9:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

किन्तु, रसूल और उसके ईमानवाले साथियों ने अपने मालों और अपनी जानों के साथ जिहाद किया, और वही लोग है जिनके लिए भलाइयाँ है और वही लोग है जो सफल है

English Sahih:

But the Messenger and those who believed with him fought with their wealth and their lives. Those will have [all that is] good and it is those who are the successful. ([9] At-Tawbah : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर रसूल और जो लोग उनके साथ ईमान लाए हैं उन लोगों ने अपने अपने माल और अपनी अपनी जानों से जिहाद किया- यही वह लोग हैं जिनके लिए (हर तरह की) भलाइयाँ हैं और यही लोग कामयाब होने वाले हैं