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وَاِنْ كَذَّبُوْكَ فَقُلْ لِّيْ عَمَلِيْ وَلَكُمْ عَمَلُكُمْۚ اَنْتُمْ بَرِيْۤـُٔوْنَ مِمَّآ اَعْمَلُ وَاَنَا۠ بَرِيْۤءٌ مِّمَّا تَعْمَلُوْنَ   ( يونس: ٤١ )

And if
وَإِن
और अगर
they deny you
كَذَّبُوكَ
वो झुठलाऐं आपको
then say
فَقُل
तो कह दीजिए
"For me
لِّى
मेरे लिए है
(are) my deeds
عَمَلِى
अमल मेरा
and for you
وَلَكُمْ
और तुम्हारे लिए है
(are) your deeds
عَمَلُكُمْۖ
अमल तुम्हरा
You
أَنتُم
तुम
(are) disassociated
بَرِيٓـُٔونَ
बरी उज़ ज़िम्मा हो
from what
مِمَّآ
उससे जो
I do
أَعْمَلُ
मैं अमल करता हूँ
and I am
وَأَنَا۠
और मैं
disassociated
بَرِىٓءٌ
बरी उज़ ज़िम्मा हूँ
from what
مِّمَّا
उससे जो
you do"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो

Wain kaththabooka faqul lee 'amalee walakum 'amalukum antum bareeoona mimma a'malu waana bareeon mimma ta'maloona (al-Yūnus 10:41)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यदि वे तुझे झुठलाएँ तो कह दो, 'मेरा कर्म मेरे लिए है और तुम्हारा कर्म तुम्हारे लिए। जो कुछ मैं करता हूँ उसकी ज़िम्मेदारी से तुम बरी हो और जो कुछ तुम करते हो उसकी ज़िम्मेदारी से मैं बरी हूँ।'

English Sahih:

And if they deny you, [O Muhammad], then say, "For me are my deeds, and for you are your deeds. You are disassociated from what I do, and I am disassociated from what you do." ([10] Yunus : 41)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) तुम्हारा परवरदिगार फसादियों को खूब जानता है और अगर वह तुम्हे झुठलाए तो तुम कह दो कि हमारे लिए हमारी कार गुजारी है और तुम्हारे लिए तुम्हारी कारस्तानी जो कुछ मै करता हूँ उसके तुम ज़िम्मेदार नहीं और जो कुछ तुम करते हो उससे मै बरी हूँ