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هُوَ الَّذِيْ جَعَلَ لَكُمُ الَّيْلَ لِتَسْكُنُوْا فِيْهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّسْمَعُوْنَ   ( يونس: ٦٧ )

He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِى
जिसने
made
جَعَلَ
बनाया
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the night
ٱلَّيْلَ
रात को
that you may rest
لِتَسْكُنُوا۟
ताकि तुम सुकून हासिल करो
in it
فِيهِ
उसमें
and the day
وَٱلنَّهَارَ
और दिन को
giving visibility
مُبْصِرًاۚ
रोशन/दिखाने वाला
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely (are) Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
(who) listen
يَسْمَعُونَ
जो सुनते हों

Huwa allathee ja'ala lakumu allayla litaskunoo feehi waalnnahara mubsiran inna fee thalika laayatin liqawmin yasma'oona (al-Yūnus 10:67)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही है जिसने तुम्हारे लिए रात बनाई ताकि तुम उसमें चैन पाओ और दिन को प्रकाशमान बनाया (ताकि तुम उसमें दौड़-धूप कर सको); निस्संदेह इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो सुनते है

English Sahih:

It is He who made for you the night to rest therein and the day, giving sight. Indeed in that are signs for a people who listen. ([10] Yunus : 67)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह वही (खुदाए क़ादिर तवाना) है जिसने तुम्हारे नफा के वास्ते रात को बनाया ताकि तुम इसमें चैन करो और दिन को (बनाया) कि उसकी रौशनी में देखो भालो उसमें शक़ नहीं जो लोग सुन लेते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत की बहुतेरी निशानियाँ हैं)