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وَلَا يَنْفَعُكُمْ نُصْحِيْٓ اِنْ اَرَدْتُّ اَنْ اَنْصَحَ لَكُمْ اِنْ كَانَ اللّٰهُ يُرِيْدُ اَنْ يُّغْوِيَكُمْ ۗهُوَ رَبُّكُمْ ۗوَاِلَيْهِ تُرْجَعُوْنَۗ   ( هود: ٣٤ )

And (will) not
وَلَا
और नहीं
benefit you
يَنفَعُكُمْ
फ़ायदा देगी तुम्हें
my advice
نُصْحِىٓ
ख़ैरख़्वाही मेरी
(even) if
إِنْ
अगर
I wish
أَرَدتُّ
मैं चाहूँ
to
أَنْ
कि
[I] advise
أَنصَحَ
मैं ख़ैरख़्वाही करूँ
[to] you
لَكُمْ
तुम्हारी
if
إِن
अगर
it was Allah's
كَانَ
है
it was Allah's
ٱللَّهُ
अल्लाह
will
يُرِيدُ
चाहता
to
أَن
कि
let you go astray
يُغْوِيَكُمْۚ
वो भटका दे तुम्हें
He (is)
هُوَ
वो
your Lord
رَبُّكُمْ
रब है तुम्हारा
and to Him
وَإِلَيْهِ
और तरफ़ उसी के
you will be returned"
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे

Wala yanfa'ukum nushee in aradtu an ansaha lakum in kana Allahu yureedu an yughwiyakum huwa rabbukum wailayhi turja'oona (Hūd 11:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अब जबकि अल्लाह ही ने तुम्हें विनष्ट करने का निश्चय कर लिया हो, तो यदि मैं तुम्हारा भला भी चाहूँ, तो मेरा भला चाहना तुम्हें कुछ भी लाभ नहीं पहुँचा सकता। वही तुम्हारा रब है और उसी की ओर तुम्हें पलटना भी है।'

English Sahih:

And my advice will not benefit you – although I wished to advise you – if Allah should intend to put you in error. He is your Lord, and to Him you will be returned." ([11] Hud : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

अगर ख़ुदा को तुम्हारा बहकाना मंज़ूर है तो मेरी ख़ैर ख्वाही कुछ भी तुम्हारे काम नहीं आ सकती वही तुम्हारा परवरदिगार है और उसी की तरफ तुम को लौट जाना है