قَالَ قَاۤئِلٌ مِّنْهُمْ لَا تَقْتُلُوْا يُوْسُفَ وَاَلْقُوْهُ فِيْ غَيٰبَتِ الْجُبِّ يَلْتَقِطْهُ بَعْضُ السَّيَّارَةِ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِيْنَ ( يوسف: ١٠ )
Said
قَالَ
कहा
a speaker
قَآئِلٌ
एक कहने वाले ने
among them
مِّنْهُمْ
उन्हीं में से
"(Do) not
لَا
ना तुम क़त्ल करो
kill
تَقْتُلُوا۟
ना तुम क़त्ल करो
Yusuf
يُوسُفَ
यूसुफ़ को
but throw him
وَأَلْقُوهُ
और डाल दो उसे
in
فِى
गहराई में
the bottom
غَيَٰبَتِ
गहराई में
(of) the well
ٱلْجُبِّ
कुएँ की
will pick him
يَلْتَقِطْهُ
उठा लेगा उसे
some
بَعْضُ
कोई
[the] caravan
ٱلسَّيَّارَةِ
क़ाफ़िला
if
إِن
अगर
you are
كُنتُمْ
हो तुम
doing"
فَٰعِلِينَ
करने वाले
Qala qailun minhum la taqtuloo yoosufa waalqoohu fee ghayabati aljubbi yaltaqithu ba'du alssayyarati in kuntum fa'ileena (Yūsuf 12:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनमें से एक बोलनेवाला बोल पड़ा, 'यूसुफ़ की हत्या न करो, यदि तुम्हें कुछ करना ही है तो उसे किसी कुएँ की तह में डाल दो। कोई राहगीर उसे उठा लेगा।'
English Sahih:
Said a speaker among them, "Do not kill Joseph but throw him into the bottom of the well; some travelers will pick him up – if you would do [something]." ([12] Yusuf : 10)