وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِيْ بِهٖ ۚفَلَمَّا جَاۤءَهُ الرَّسُوْلُ قَالَ ارْجِعْ اِلٰى رَبِّكَ فَسْـَٔلْهُ مَا بَالُ النِّسْوَةِ الّٰتِيْ قَطَّعْنَ اَيْدِيَهُنَّ ۗاِنَّ رَبِّيْ بِكَيْدِهِنَّ عَلِيْمٌ ( يوسف: ٥٠ )
Waqala almaliku itoonee bihi falamma jaahu alrrasoolu qala irji' ila rabbika faisalhu ma balu alnniswati allatee qatta'na aydiyahunna inna rabbee bikaydihinna 'aleemun (Yūsuf 12:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
सम्राट ने कहा, 'उसे मेरे पास ले आओ।' किन्तु जब दूत उसके पास पहुँचा तो उसने कहा, 'अपने स्वामी के पास वापस जाओ और उससे पूछो कि उन स्त्रियों का क्या मामला है, जिन्होंने अपने हाथ घायल कर लिए थे। निस्संदेह मेरा रब उनकी मक्कारी को भली-भाँति जानता है।'
English Sahih:
And the king said, "Bring him to me." But when the messenger came to him, [Joseph] said, "Return to your master and ask him what is the case of the women who cut their hands. Indeed, my Lord is Knowing of their plan." ([12] Yusuf : 50)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ये ताबीर सुनते ही) बादशाह ने हुक्म दिया कि यूसुफ को मेरे हुज़ूर में तो ले आओ फिर जब (शाही) चौबदार (ये हुक्म लेकर) यूसुफ के पास आया तो युसूफ ने कहा कि तुम अपनी सरकार के पास पलट जाओ और उनसे पूछो कि (आप को) कुछ उन औरतों का हाल भी मालूम है जिन्होने (मुझे देख कर) अपने अपने हाथ काट डाले थे कि या मैं उनका तालिब था