وَتَوَلّٰى عَنْهُمْ وَقَالَ يٰٓاَسَفٰى عَلٰى يُوْسُفَ وَابْيَضَّتْ عَيْنٰهُ مِنَ الْحُزْنِ فَهُوَ كَظِيْمٌ ( يوسف: ٨٤ )
And he turned away
وَتَوَلَّىٰ
और उसने मुँह फेर लिया
from them
عَنْهُمْ
उनसे
and said
وَقَالَ
और बोला
"Alas my grief
يَٰٓأَسَفَىٰ
हाय अफ़सोस
over
عَلَىٰ
यूसुफ़ पर
Yusuf!"
يُوسُفَ
यूसुफ़ पर
And became white
وَٱبْيَضَّتْ
और सफ़ेद हो गईं
his eyes
عَيْنَاهُ
दोनों आँखें उसकी
from
مِنَ
ग़म की वजह से
the grief
ٱلْحُزْنِ
ग़म की वजह से
and he (was)
فَهُوَ
पस वो
a suppressor
كَظِيمٌ
ग़म से भरा हुआ था
Watawalla 'anhum waqala ya asafa 'ala yoosufa waibyaddat 'aynahu mina alhuzni fahuwa katheemun (Yūsuf 12:84)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने उनकी ओर से मुख फेर लिया और कहने लगा, 'हाय अफ़सोस, यूसुफ़ की जुदाई पर!' और ग़म के मारे उसकी आँखें सफ़ेद पड़ गई और वह घुटा जा रहा था
English Sahih:
And he turned away from them and said, "Oh, my sorrow over Joseph," and his eyes became white from grief, for he was [of that] a suppressor. ([12] Yusuf : 84)