سَلٰمٌ عَلَيْكُمْ بِمَا صَبَرْتُمْ فَنِعْمَ عُقْبَى الدَّارِۗ ( الرعد: ٢٤ )
(Saying) Peace
سَلَٰمٌ
सलाम हो
(be) upon you
عَلَيْكُم
तुम पर
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
you patiently endured
صَبَرْتُمْۚ
सब्र किया तुमने
And excellent
فَنِعْمَ
तो कितना अच्छा है
(is) the final attainment
عُقْبَى
अंजाम
(of) the Home"
ٱلدَّارِ
घर का (आख़िरत के)
Salamun 'alaykum bima sabartum fani'ma 'uqba alddari (ar-Raʿd 13:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(वे कहेंगे) 'तुमपर सलाम है उसके बदले में जो तुमने धैर्य से काम लिया।' अतः क्या ही अच्छा परिणाम है आख़िरत के घर का!
English Sahih:
"Peace [i.e., security] be upon you for what you patiently endured. And excellent is the final home." ([13] Ar-Ra'd : 24)