الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَتَطْمَىِٕنُّ قُلُوْبُهُمْ بِذِكْرِ اللّٰهِ ۗ اَلَا بِذِكْرِ اللّٰهِ تَطْمَىِٕنُّ الْقُلُوْبُ ۗ ( الرعد: ٢٨ )
Those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and find satisfaction
وَتَطْمَئِنُّ
और मुत्मईन होते हैं
their hearts
قُلُوبُهُم
दिल उनके
in the remembrance
بِذِكْرِ
अल्लाह के ज़िक्र से
(of) Allah
ٱللَّهِۗ
अल्लाह के ज़िक्र से
No doubt
أَلَا
ख़बरदार
in the remembrance
بِذِكْرِ
अल्लाह के ज़िक्र से
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के ज़िक्र से
find satisfaction
تَطْمَئِنُّ
मुत्मईन हो जाते हैं
the hearts"
ٱلْقُلُوبُ
दिल
Allatheena amanoo watatmainnu quloobuhum bithikri Allahi ala bithikri Allahi tatmainnu alquloobu (ar-Raʿd 13:28)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐसे ही लोग है जो ईमान लाए और जिनके दिलों को अल्लाह के स्मरण से आराम और चैन मिलता है। सुन लो, अल्लाह के स्मरण से ही दिलों को संतोष प्राप्त हुआ करता है
English Sahih:
Those who have believed and whose hearts are assured by the remembrance of Allah. Unquestionably, by the remembrance of Allah hearts are assured." ([13] Ar-Ra'd : 28)