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وَجَعَلْنَا لَكُمْ فِيْهَا مَعَايِشَ وَمَنْ لَّسْتُمْ لَهٗ بِرَازِقِيْنَ   ( الحجر: ٢٠ )

And We have made
وَجَعَلْنَا
और बनाए हमने
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
therein
فِيهَا
उसमें
means of living
مَعَٰيِشَ
असबाबे मईशत
and whom
وَمَن
और उसके लिए (भी)
you are not
لَّسْتُمْ
नहीं हो तुम
for him
لَهُۥ
जिसके
providers
بِرَٰزِقِينَ
राज़िक़

Waja'alna lakum feeha ma'ayisha waman lastum lahu biraziqeena (al-Ḥijr 15:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उसमें तुम्हारे गुज़र-बसर के सामान निर्मित किए, और उनको भी जिनको रोज़ी देनेवाले तुम नहीं हो

English Sahih:

And We have made for you therein means of living and [for] those for whom you are not providers. ([15] Al-Hijr : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हम ही ने उन्हें तुम्हारे वास्ते ज़िन्दगी के साज़ों सामान बना दिए और उन जानवरों के लिए भी जिन्हें तुम रोज़ी नहीं देते