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وَمَا خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَآ اِلَّا بِالْحَقِّۗ وَاِنَّ السَّاعَةَ لَاٰتِيَةٌ فَاصْفَحِ الصَّفْحَ الْجَمِيْلَ   ( الحجر: ٨٥ )

And not
وَمَا
और नहीं
We created
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
and whatever
وَمَا
और जो
(is) between them
بَيْنَهُمَآ
दर्मियान है इन दोनों के
except
إِلَّا
मगर
in truth
بِٱلْحَقِّۗ
साथ हक़ के
And indeed
وَإِنَّ
और बेशक
the Hour
ٱلسَّاعَةَ
क़यामत
(is) surely coming
لَءَاتِيَةٌۖ
ज़रूर आनेवाली है
So overlook
فَٱصْفَحِ
पस दरगुज़र कीजिए
(with) forgiveness
ٱلصَّفْحَ
दरगुज़र करना
gracious
ٱلْجَمِيلَ
ख़ूबसूरती से

Wama khalaqna alssamawati waalarda wama baynahuma illa bialhaqqi wainna alssa'ata laatiyatun faisfahi alssafha aljameela (al-Ḥijr 15:85)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने तो आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके मध्य है, सोद्देश्य पैदा किया है, और वह क़ियामत की घड़ी तो अनिवार्यतः आनेवाली है। अतः तुम भली प्रकार दरगुज़र (क्षमा) से काम लो

English Sahih:

And We have not created the heavens and earth and that between them except in truth. And indeed, the Hour is coming; so forgive with gracious forgiveness. ([15] Al-Hijr : 85)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने आसमानों और ज़मीन को और जो कुछ उन दोनों के दरमियान में है हिकमत व मसलहत से पैदा किया है और क़यामत यक़ीनन ज़रुर आने वाली है तो तुम (ऐ रसूल) उन काफिरों से शाइस्ता उनवान (अच्छे बरताव) के साथ दर गुज़र करो