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هُوَ الَّذِيْٓ اَنْزَلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً لَّكُمْ مِّنْهُ شَرَابٌ وَّمِنْهُ شَجَرٌ فِيْهِ تُسِيْمُوْنَ   ( النحل: ١٠ )

He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِىٓ
जिसने
sends down
أَنزَلَ
उतारा
from
مِنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
water
مَآءًۖ
पानी
for you
لَّكُم
तुम्हारे लिए
of it
مِّنْهُ
उसमें से
(is) drink
شَرَابٌ
पीना है
and from it
وَمِنْهُ
और उसमें से
(grows) vegetation
شَجَرٌ
दरख़्त है
in which
فِيهِ
जिसमें
you pasture your cattle
تُسِيمُونَ
तुम चराते हो

Huwa allathee anzala mina alssamai maan lakum minhu sharabun waminhu shajarun feehi tuseemoona (an-Naḥl 16:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही है जिसने आकाश से तुम्हारे लिए पानी उतारा, जिसे तुम पीते हो और उसी से पेड़ और वनस्पतियाँ भी उगती है, जिनमें तुम जानवरों को चराते हो

English Sahih:

It is He who sends down rain from the sky; from it is drink and from it is foliage in which you pasture [animals]. ([16] An-Nahl : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर ख़ुदा चाहता तो तुम सबको मज़िले मक़सूद तक पहुँचा देता वह वही (ख़ुदा) है जिसने आसमान से पानी बरसाया जिसमें से तुम सब पीते हो और इससे दरख्त शादाब होते हैं