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۞ يَوْمَ تَأْتِيْ كُلُّ نَفْسٍ تُجَادِلُ عَنْ نَّفْسِهَا وَتُوَفّٰى كُلُّ نَفْسٍ مَّا عَمِلَتْ وَهُمْ لَا يُظْلَمُوْنَ   ( النحل: ١١١ )

(On) the Day
يَوْمَ
जिस दिन
(when) will come
تَأْتِى
आएगा
every
كُلُّ
हर
soul
نَفْسٍ
नफ़्स
pleading
تُجَٰدِلُ
वो झगड़ेगा
for
عَن
अपने नफ़्स के बारे में
itself
نَّفْسِهَا
अपने नफ़्स के बारे में
and will be paid in full
وَتُوَفَّىٰ
और पूरा-पूरा दिया जाएगा
every
كُلُّ
हर
soul
نَفْسٍ
नफ़्स को
what
مَّا
जो
it did
عَمِلَتْ
उसने अमल किया
and they
وَهُمْ
और वो
(will) not
لَا
ना वो ज़ुल्म किए जाऐंगे
be wronged
يُظْلَمُونَ
ना वो ज़ुल्म किए जाऐंगे

Yawma tatee kullu nafsin tujadilu 'an nafsiha watuwaffa kullu nafsin ma 'amilat wahum la yuthlamoona (an-Naḥl 16:111)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिस दिन प्रत्येक व्यक्ति अपनी और प्रत्येक व्यक्ति को जो कुछ उसने किया होगा, उसका पूरा-पूरा बदला चुका दिया जाएगा, और उनपर कुछ भी अत्याचार न होगा

English Sahih:

On the Day when every soul will come disputing [i.e., pleading] for itself, and every soul will be fully compensated for what it did, and they will not be wronged [i.e., treated unjustly]. ([16] An-Nahl : 111)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (उस दिन को याद) करो जिस दिन हर शख़्श अपनी ज़ात के बारे में झगड़ने को आ मौजूद होगा