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وَضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا قَرْيَةً كَانَتْ اٰمِنَةً مُّطْمَىِٕنَّةً يَّأْتِيْهَا رِزْقُهَا رَغَدًا مِّنْ كُلِّ مَكَانٍ فَكَفَرَتْ بِاَنْعُمِ اللّٰهِ فَاَذَاقَهَا اللّٰهُ لِبَاسَ الْجُوْعِ وَالْخَوْفِ بِمَا كَانُوْا يَصْنَعُوْنَ   ( النحل: ١١٢ )

And Allah sets forth
وَضَرَبَ
और बयान की
And Allah sets forth
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
a similitude
مَثَلًا
मिसाल
(of) a town
قَرْيَةً
एक बस्ती की
(that) was
كَانَتْ
वो थी
secure
ءَامِنَةً
अमन वाली
and content
مُّطْمَئِنَّةً
मुत्मइन
coming to it
يَأْتِيهَا
आता था उसके पास
its provision
رِزْقُهَا
रिज़्क़ उसका
(in) abundance
رَغَدًا
बाफ़राग़त
from
مِّن
हर जगह से
every
كُلِّ
हर जगह से
place
مَكَانٍ
हर जगह से
but it denied
فَكَفَرَتْ
तो उसने नाशुक्री की
(the) Favors of Allah
بِأَنْعُمِ
अल्लाह की नेअमतों की
(the) Favors of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की नेअमतों की
so Allah made it taste
فَأَذَٰقَهَا
तो चखाया उसे
so Allah made it taste
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
(the) garb
لِبَاسَ
लिबास
(of) the hunger
ٱلْجُوعِ
भूख का
and the fear
وَٱلْخَوْفِ
और ख़ौफ़ का
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
do
يَصْنَعُونَ
किया करते

Wadaraba Allahu mathalan qaryatan kanat aminatan mutmainnatan yateeha rizquha raghadan min kulli makanin fakafarat bian'umi Allahi faathaqaha Allahu libasa aljoo'i waalkhawfi bima kanoo yasna'oona (an-Naḥl 16:112)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह ने एक मिसाल बयान की है: एक बस्ती थी जो निश्चिन्त और सन्तुष्ट थी। हर जगह से उसकी रोज़ी प्रचुरता के साथ चली आ रही थी कि वह अल्लाह की नेमतों के प्रति अकृतज्ञता दिखाने लगी। तब अल्लाह ने उसके निवासियों को उनकी करतूतों के बदले में भूख का मज़ा चख़ाया और भय का वस्त्र पहनाया

English Sahih:

And Allah presents an example: a city [i.e., Makkah] which was safe and secure, its provision coming to it in abundance from every location, but it denied the favors of Allah. So Allah made it taste the envelopment of hunger and fear for what they had been doing. ([16] An-Nahl : 112)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हर शख़्श को जो कुछ भी उसने किया था उसका पूरा पूरा बदला मिलेगा और उन पर किसी तरह का जुल्म न किया जाएगा ख़ुदा ने एक गाँव की मसल बयान फरमाई जिसके रहने वाले हर तरह के चैन व इत्मेनान में थे हर तरफ से बाफराग़त (बहुत ज्यादा) उनकी रोज़ी उनके पास आई थी फिर उन लोगों ने ख़ुदा की नूअमतों की नाशुक्री की तो ख़ुदा ने उनकी करतूतों की बदौलत उनको मज़ा चखा दिया