وَضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا قَرْيَةً كَانَتْ اٰمِنَةً مُّطْمَىِٕنَّةً يَّأْتِيْهَا رِزْقُهَا رَغَدًا مِّنْ كُلِّ مَكَانٍ فَكَفَرَتْ بِاَنْعُمِ اللّٰهِ فَاَذَاقَهَا اللّٰهُ لِبَاسَ الْجُوْعِ وَالْخَوْفِ بِمَا كَانُوْا يَصْنَعُوْنَ ( النحل: ١١٢ )
Wadaraba Allahu mathalan qaryatan kanat aminatan mutmainnatan yateeha rizquha raghadan min kulli makanin fakafarat bian'umi Allahi faathaqaha Allahu libasa aljoo'i waalkhawfi bima kanoo yasna'oona (an-Naḥl 16:112)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ने एक मिसाल बयान की है: एक बस्ती थी जो निश्चिन्त और सन्तुष्ट थी। हर जगह से उसकी रोज़ी प्रचुरता के साथ चली आ रही थी कि वह अल्लाह की नेमतों के प्रति अकृतज्ञता दिखाने लगी। तब अल्लाह ने उसके निवासियों को उनकी करतूतों के बदले में भूख का मज़ा चख़ाया और भय का वस्त्र पहनाया
English Sahih:
And Allah presents an example: a city [i.e., Makkah] which was safe and secure, its provision coming to it in abundance from every location, but it denied the favors of Allah. So Allah made it taste the envelopment of hunger and fear for what they had been doing. ([16] An-Nahl : 112)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हर शख़्श को जो कुछ भी उसने किया था उसका पूरा पूरा बदला मिलेगा और उन पर किसी तरह का जुल्म न किया जाएगा ख़ुदा ने एक गाँव की मसल बयान फरमाई जिसके रहने वाले हर तरह के चैन व इत्मेनान में थे हर तरफ से बाफराग़त (बहुत ज्यादा) उनकी रोज़ी उनके पास आई थी फिर उन लोगों ने ख़ुदा की नूअमतों की नाशुक्री की तो ख़ुदा ने उनकी करतूतों की बदौलत उनको मज़ा चखा दिया