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وَهُوَ الَّذِيْ سَخَّرَ الْبَحْرَ لِتَأْكُلُوْا مِنْهُ لَحْمًا طَرِيًّا وَّتَسْتَخْرِجُوْا مِنْهُ حِلْيَةً تَلْبَسُوْنَهَاۚ وَتَرَى الْفُلْكَ مَوَاخِرَ فِيْهِ وَلِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ   ( النحل: ١٤ )

And He
وَهُوَ
और वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِى
जिसने
subjected
سَخَّرَ
मुसख़्ख़र किया
the sea
ٱلْبَحْرَ
समुन्दर को
for you to eat
لِتَأْكُلُوا۟
ताकि तुम खाओ
from it
مِنْهُ
उससे
meat
لَحْمًا
गोश्त
fresh
طَرِيًّا
ताज़ा
and that you bring forth
وَتَسْتَخْرِجُوا۟
और तुम निकालो
from it
مِنْهُ
उससे
ornaments
حِلْيَةً
ज़ेवर
(that) you wear them
تَلْبَسُونَهَا
तुम पहनते हो उसे
And you see
وَتَرَى
और तुम देखते हो
the ships
ٱلْفُلْكَ
कश्तियाँ
ploughing
مَوَاخِرَ
कि फाड़ने वाली हैं
through it
فِيهِ
उसमें
and that you may seek
وَلِتَبْتَغُوا۟
और ताकि तुम तलाश करो
of
مِن
उसके फ़ज़ल में से
His Bounty
فَضْلِهِۦ
उसके फ़ज़ल में से
and that you may
وَلَعَلَّكُمْ
और ताकि तुम
(be) grateful
تَشْكُرُونَ
तुम शुक्र अदा करो

Wahuwa allathee sakhkhara albahra litakuloo minhu lahman tariyyan watastakhrijoo minhu hilyatan talbasoonaha watara alfulka mawakhira feehi walitabtaghoo min fadlihi wala'allakum tashkuroona (an-Naḥl 16:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही तो है जिसने समुद्र को वश में किया है, ताकि तुम उससे ताज़ा मांस लेकर खाओ और उससे आभूषण निकालो, जिसे तुम पहनते हो। तुम देखते ही हो कि नौकाएँ उसको चीरती हुई चलती हैं (ताकि तुम सफ़र कर सको) और ताकि तुम उसका अनुग्रह तलाश करो और ताकि तुम कृतज्ञता दिखलाओ

English Sahih:

And it is He who subjected the sea for you to eat from it tender meat and to extract from it ornaments which you wear. And you see the ships plowing through it, and [He subjected it] that you may seek of His bounty; and perhaps you will be grateful. ([16] An-Nahl : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

कुछ शक़ नहीं कि इसमें भी इबरत व नसीहत हासिल करने वालों के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानी है और वही (वह ख़ुदा है जिसने दरिया को (भी तुम्हारे) क़ब्ज़े में कर दिया ताकि तुम इसमें से (मछलियों का) ताज़ा ताज़ा गोश्त खाओ और इसमें से जेवर (की चीज़े मोती वगैरह) निकालो जिन को तुम पहना करते हो और तू कश्तियों को देखता है कि (आमद व रफत में) दरिया में (पानी को) चीरती फाड़ती आती है