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ثُمَّ اِذَا كَشَفَ الضُّرَّ عَنْكُمْ اِذَا فَرِيْقٌ مِّنْكُمْ بِرَبِّهِمْ يُشْرِكُوْنَۙ  ( النحل: ٥٤ )

Then
ثُمَّ
फिर
when
إِذَا
जब
He removes
كَشَفَ
वो हटा देता है
the adversity
ٱلضُّرَّ
तकलीफ़ को
from you
عَنكُمْ
तुमसे
behold!
إِذَا
यकायक
A group
فَرِيقٌ
एर गिरोह (के लोग)
of you
مِّنكُم
तुम में से
with their Lord
بِرَبِّهِمْ
साथ अपने रब के
associate others
يُشْرِكُونَ
वो शरीक ठहराते हैं

Thumma itha kashafa alddurra 'ankum itha fareequn minkum birabbihim yushrikoona (an-Naḥl 16:54)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब वह उस तकलीफ़ को तुमसे टाल देता है, तो क्या देखते है कि तुममें से कुछ लोग अपने रब के साथ साझीदार ठहराने लगते है,

English Sahih:

Then when He removes the adversity from you, at once a party of you associates others with their Lord ([16] An-Nahl : 54)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जब वह तुमसे तकलीफ को दूर कर देता है तो बस फौरन तुममें से कुछ लोग अपने परवरदिगार को शरीक ठहराते हैं