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وَيَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا يَمْلِكُ لَهُمْ رِزْقًا مِّنَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ شَيْـًٔا وَّلَا يَسْتَطِيْعُوْنَ ۚ   ( النحل: ٧٣ )

And they worship
وَيَعْبُدُونَ
और वो इबादत करते हैं
other than
مِن
सिवाय
other than
دُونِ
सिवाय
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
which
مَا
उनकी जो
not
لَا
नहीं मालिक होते
possesses
يَمْلِكُ
नहीं मालिक होते
for them
لَهُمْ
उनके लिए
any provision
رِزْقًا
रिज़्क़ के
from
مِّنَ
आसमामों से
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमामों से
and the earth
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन से
[anything]
شَيْـًٔا
कुछ भी
and not
وَلَا
और ना
they are able
يَسْتَطِيعُونَ
वो इस्तिताअत रखते हैं

Waya'budoona min dooni Allahi ma la yamliku lahum rizqan mina alssamawati waalardi shayan wala yastatee'oona (an-Naḥl 16:73)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और अल्लाह से हटकर उन्हें पूजते है, जिन्हें आकाशों और धरती से रोज़ी प्रदान करने का कुछ भी अधिकार प्राप्त नहीं है और न उन्हें कोई सामर्थ्य ही प्राप्त है

English Sahih:

And they worship besides Allah that which does not possess for them [the power of] provision from the heavens and the earth at all, and [in fact], they are unable. ([16] An-Nahl : 73)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा को छोड़कर ऐसी चीज़ की परसतिश करते हैं जो आसमानों और ज़मीन में से उनको रिज़क़ देने का कुछ भी न एख्तियार रखते हैं और न कुदरत हासिल कर सकते हैं