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يَوْمَ نَدْعُوْا كُلَّ اُنَاسٍۢ بِاِمَامِهِمْۚ فَمَنْ اُوْتِيَ كِتٰبَهٗ بِيَمِيْنِهٖ فَاُولٰۤىِٕكَ يَقْرَءُوْنَ كِتٰبَهُمْ وَلَا يُظْلَمُوْنَ فَتِيْلًا  ( الإسراء: ٧١ )

(The) Day
يَوْمَ
जिस दिन
We will call
نَدْعُوا۟
हम बुलाऐंगे
all
كُلَّ
सब
human beings
أُنَاسٍۭ
लोगों को
with their record
بِإِمَٰمِهِمْۖ
साथ उनके इमाम के
then whoever
فَمَنْ
तो जो कोई
is given
أُوتِىَ
दिया गया
his record
كِتَٰبَهُۥ
किताब अपनी
in his right hand
بِيَمِينِهِۦ
अपने दाऐं हाथ में
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
will read
يَقْرَءُونَ
जो पढ़ेंगे
their records
كِتَٰبَهُمْ
किताब अपनी
and not
وَلَا
और ना
they will be wronged
يُظْلَمُونَ
वो ज़ुल्म किए जाऐंगे
(even as much as) a hair on a date seed
فَتِيلًا
धागे बराबर

Yawma nad'oo kulla onasin biimamihim faman ootiya kitabahu biyameenihi faolaika yaqraoona kitabahum wala yuthlamoona fateelan (al-ʾIsrāʾ 17:71)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

(उस दिन से डरो) जिस दिन हम मानव के प्रत्येक गिरोह को उसके अपने नायक के साथ बुलाएँगे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र पढ़ेंगे और उनके साथ तनिक भी अन्याय न होगा

English Sahih:

[Mention, O Muhammad], the Day We will call forth every people with their record [of deeds]. Then whoever is given his record in his right hand – those will read their records, and injustice will not be done to them, [even] as much as a thread [inside the date seed]. ([17] Al-Isra : 71)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उस दिन (को याद करो) जब हम तमाम लोगों को उन पेशवाओं के साथ बुलाएँगें तो जिसका नामए अमल उनके दाहिने हाथ में दिया जाएगा तो वह लोग (खुश खुश) अपना नामए अमल पढ़ने लगेगें और उन पर रेशा बराबर ज़ुल्म नहीं किया जाएगा