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ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ نَزَّلَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ ۗ وَاِنَّ الَّذِيْنَ اخْتَلَفُوْا فِى الْكِتٰبِ لَفِيْ شِقَاقٍۢ بَعِيْدٍ ࣖ  ( البقرة: ١٧٦ )

That
ذَٰلِكَ
ये
(is) because
بِأَنَّ
बवजह इसके कि
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह ने
revealed
نَزَّلَ
नाज़िल किया
the Book
ٱلْكِتَٰبَ
किताब को
with [the] Truth
بِٱلْحَقِّۗ
साथ हक़ के
And indeed
وَإِنَّ
और बेशक
those
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
who differed
ٱخْتَلَفُوا۟
इख़्तिलाफ़ किया
in
فِى
किताब में
the Book
ٱلْكِتَٰبِ
किताब में
(are) surely in
لَفِى
अलबत्ता मुख़ालिफ़त में हैं
schism
شِقَاقٍۭ
अलबत्ता मुख़ालिफ़त में हैं
far
بَعِيدٍ
दूर की

Thalika bianna Allaha nazzala alkitaba bialhaqqi wainna allatheena ikhtalafoo fee alkitabi lafee shiqaqin ba'eedin (al-Baq̈arah 2:176)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह (यातना) इसलिए होगी कि अल्लाह ने तो हक़ के साथ किताब उतारी, किन्तु जिन लोगों ने किताब के मामले में विभेद किया वे हठ और विरोध में बहुत दूर निकल गए

English Sahih:

That is [deserved by them] because Allah has sent down the Book in truth. And indeed, those who differ over the Book are in extreme dissension. ([2] Al-Baqarah : 176)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये इसलिए कि ख़ुदा ने बरहक़ किताब नाज़िल की और बेशक जिन लोगों ने किताबे ख़ुदा में रद्दो बदल की वह लोग बड़े पल्ले दरजे की मुख़ालेफत में हैं