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اَوْ كَصَيِّبٍ مِّنَ السَّمَاۤءِ فِيْهِ ظُلُمٰتٌ وَّرَعْدٌ وَّبَرْقٌۚ يَجْعَلُوْنَ اَصَابِعَهُمْ فِيْٓ اٰذَانِهِمْ مِّنَ الصَّوَاعِقِ حَذَرَ الْمَوْتِۗ وَاللّٰهُ مُحِيْطٌۢ بِالْكٰفِرِيْنَ  ( البقرة: ١٩ )

Or
أَوْ
या
like a rainstorm
كَصَيِّبٍ
जैसे ज़ोरदार बारिश
from
مِّنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
in it (are)
فِيهِ
उसमें
darkness[es]
ظُلُمَٰتٌ
अँधेरे
and thunder
وَرَعْدٌ
और गरज
and lightning
وَبَرْقٌ
और बिजली है
They put
يَجْعَلُونَ
वो डाल लेते हैं
their fingers
أَصَٰبِعَهُمْ
उँगलियाँ
in
فِىٓ
अपने कानों में
their ears
ءَاذَانِهِم
अपने कानों में
from
مِّنَ
बिजली के कड़ाकों से
the thunderclaps
ٱلصَّوَٰعِقِ
बिजली के कड़ाकों से
(in) fear (of)
حَذَرَ
बचने के लिए
[the] death
ٱلْمَوْتِۚ
मौत से
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) [the One Who] encompasses
مُحِيطٌۢ
घेरने वाला है
the disbelievers
بِٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों को

Aw kasayyibin mina alssamai feehi thulumatun wara'dun wabarqun yaj'aloona asabi'ahum fee athanihim mina alssawa'iqi hathara almawti waAllahu muheetun bialkafireena (al-Baq̈arah 2:19)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

या (उनकी मिसाल ऐसी है) जैसे आकाश से वर्षा हो रही हो जिसके साथ अँधेरे हों और गरज और चमक भी हो, वे बिजली की कड़क के कारण मृत्यु के भय से अपने कानों में उँगलियाँ दे ले रहे हों - और अल्लाह ने तो इनकार करनेवालों को घेर रखा हैं

English Sahih:

Or [it is] like a rainstorm from the sky within which is darkness, thunder and lightning. They put their fingers in their ears against the thunderclaps in dread of death. But Allah is encompassing of the disbelievers. ([2] Al-Baqarah : 19)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

या उनकी मिसाल ऐसी है जैसे आसमानी बारिश जिसमें तारिकियाँ ग़र्ज़ बिजली हो मौत के खौफ से कड़क के मारे अपने कानों में ऊँगलियाँ दे लेते हैं हालाँकि खुदा काफ़िरों को (इस तरह) घेरे हुए है (कि उसक हिल नहीं सकते)