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اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَاَقَامُوا الصَّلٰوةَ وَاٰتَوُا الزَّكٰوةَ لَهُمْ اَجْرُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْۚ وَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُوْنَ  ( البقرة: ٢٧٧ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
believe[d]
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and did
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
good deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
and established
وَأَقَامُوا۟
और उन्होंने क़ायम की
the prayer
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
and gave
وَءَاتَوُا۟
और उन्होंने अदा की
the zakah
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
for them -
لَهُمْ
उनके लिए है
their reward
أَجْرُهُمْ
अजर उनका
(is) with
عِندَ
पास
their Lord
رَبِّهِمْ
उनके रब के
and no
وَلَا
और ना
fear
خَوْفٌ
कोई ख़ौफ़ होगा
on them
عَلَيْهِمْ
उन पर
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
will grieve
يَحْزَنُونَ
वो ग़मगीन होंगे

Inna allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati waaqamoo alssalata waatawoo alzzakata lahum ajruhum 'inda rabbihim wala khawfun 'alayhim wala hum yahzanoona (al-Baq̈arah 2:277)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और नमाज़ क़ायम की्य और ज़कात दी, उनके लिए उनका बदला उनके रब के पास है, और उन्हें न कोई भय हो और न वे शोकाकुल होंगे

English Sahih:

Indeed, those who believe and do righteous deeds and establish prayer and give Zakah will have their reward with their Lord, and there will be no fear concerning them, nor will they grieve. ([2] Al-Baqarah : 277)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(हॉ) जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ी और ज़कात दिया किये उनके लिए अलबत्ता उनका अज्र व (सवाब) उनके परवरदिगार के पास है और (क़यामत में) न तो उन पर किसी क़िस्म का ख़ौफ़ होगा और न वह रन्जीदा दिल होंगे