وَاِذْ فَرَقْنَا بِكُمُ الْبَحْرَ فَاَنْجَيْنٰكُمْ وَاَغْرَقْنَآ اٰلَ فِرْعَوْنَ وَاَنْتُمْ تَنْظُرُوْنَ ( البقرة: ٥٠ )
And when
وَإِذْ
और जब
We parted
فَرَقْنَا
फाड़ा हमने
for you
بِكُمُ
तुम्हारे लिए
the sea
ٱلْبَحْرَ
समुन्दर को
then We saved you
فَأَنجَيْنَٰكُمْ
फिर निजात दी हमने तुम्हें
and We drowned
وَأَغْرَقْنَآ
और ग़र्क़ कर दिया हमने
(the) people
ءَالَ
आले फ़िरऔन को
(of) Firaun
فِرْعَوْنَ
आले फ़िरऔन को
while you
وَأَنتُمْ
और तुम
(were) looking
تَنظُرُونَ
तुम देख रहे थे
Waith faraqna bikumu albahra faanjaynakum waaghraqna ala fir'awna waantum tanthuroona (al-Baq̈arah 2:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
याद करो जब हमने तुम्हें सागर में अलग-अलग चौड़े रास्ते से ले जाकर छुटकारा दिया और फ़िरऔनियों को तुम्हारी आँखों के सामने डूबो दिया
English Sahih:
And [recall] when We parted the sea for you and saved you and drowned the people of Pharaoh while you were looking on. ([2] Al-Baqarah : 50)