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وَمَنْ اَعْرَضَ عَنْ ذِكْرِيْ فَاِنَّ لَهٗ مَعِيْشَةً ضَنْكًا وَّنَحْشُرُهٗ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ اَعْمٰى   ( طه: ١٢٤ )

And whoever
وَمَنْ
और जिसने
turns away
أَعْرَضَ
ऐराज़ किया
from
عَن
मेरे ज़िक्र से
My remembrance
ذِكْرِى
मेरे ज़िक्र से
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
for him
لَهُۥ
उसके लिए
(is) a life
مَعِيشَةً
मईशत/गुज़रान
straitened
ضَنكًا
तंग
and We will gather him
وَنَحْشُرُهُۥ
और हम उठाऐंगे उसे
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
blind"
أَعْمَىٰ
अँधा

Waman a'rada 'an thikree fainna lahu ma'eeshatan dankan wanahshuruhu yawma alqiyamati a'man (Ṭāʾ Hāʾ 20:124)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जिस किसी ने मेरी स्मृति से मुँह मोडा़ तो उसका जीवन संकीर्ण होगा और क़ियामत के दिन हम उसे अंधा उठाएँगे।'

English Sahih:

And whoever turns away from My remembrance – indeed, he will have a depressed [i.e., difficult] life, and We will gather [i.e., raise] him on the Day of Resurrection blind." ([20] Taha : 124)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिस शख्स ने मेरी याद से मुँह फेरा तो उसकी ज़िन्दगी बहुत तंगी में बसर होगी और हम उसको क़यामत के दिन अंधा बना के उठाएँगे