وَاِنْ تَجْهَرْ بِالْقَوْلِ فَاِنَّهٗ يَعْلَمُ السِّرَّ وَاَخْفٰى ( طه: ٧ )
And if
وَإِن
और अगर
you speak aloud
تَجْهَرْ
आप बुलन्द आवाज़ से करें
the word
بِٱلْقَوْلِ
बात को
then indeed He
فَإِنَّهُۥ
तो बेशक वो
knows
يَعْلَمُ
वो जानता है
the secret
ٱلسِّرَّ
पोशीदा को
and the more hidden
وَأَخْفَى
और ज़्यादा ख़ुफ़िया को
Wain tajhar bialqawli fainnahu ya'lamu alssirra waakhfa (Ṭāʾ Hāʾ 20:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम चाहे बात पुकार कर कहो (या चुपके से), वह तो छिपी हुई और अत्यन्त गुप्त बात को भी जानता है
English Sahih:
And if you speak aloud – then indeed, He knows the secret and what is [even] more hidden. ([20] Taha : 7)