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لَاهِيَةً قُلُوْبُهُمْۗ وَاَسَرُّوا النَّجْوَىۖ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْاۖ هَلْ هٰذَآ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْۚ اَفَتَأْتُوْنَ السِّحْرَ وَاَنْتُمْ تُبْصِرُوْنَ   ( الأنبياء: ٣ )

Distracted
لَاهِيَةً
ग़ाफ़िल हैं
their hearts
قُلُوبُهُمْۗ
दिल उनके
And they conceal
وَأَسَرُّوا۟
और चुपके-चुपके की
the private conversation
ٱلنَّجْوَى
सरगोशी
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जिन्होंने
[they] wronged
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
"Is
هَلْ
नहीं
this
هَٰذَآ
ये
except
إِلَّا
मगर
a human being
بَشَرٌ
एक इन्सान
like you?
مِّثْلُكُمْۖ
तुम्हारे जैसा
So would you approach
أَفَتَأْتُونَ
क्या फिर तुम आते हो
the magic
ٱلسِّحْرَ
जादू को
while you
وَأَنتُمْ
जब कि तुम
see (it)?"
تُبْصِرُونَ
तुम देखते हो

Lahiyatan quloobuhum waasarroo alnnajwa allatheena thalamoo hal hatha illa basharun mithlukum afatatoona alssihra waantum tubsiroona (al-ʾAnbiyāʾ 21:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके दिल दिलचस्पियों में खोए हुए होते है। उन्होंने चुपके-चुपके कानाफूसी की - अर्थात अत्याचार की नीति अपनानेवालों ने कि 'यह तो बस तुम जैसा ही एक मनुष्य है। फिर क्या तुम देखते-बूझते जादू में फँस जाओगे?'

English Sahih:

With their hearts distracted. And those who do wrong conceal their private conversation, [saying], "Is this [Prophet] except a human being like you? So would you approach magic while you are aware [of it]?" ([21] Al-Anbya : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उनके दिल (आख़िरत के ख्याल से) बिल्कुल बेख़बर हैं और ये ज़ालिम चुपके-चुपके कानाफूसी किया करते हैं कि ये शख्स (मोहम्मद कुछ भी नहीं) बस तुम्हारे ही सा आदमी है तो क्या तुम दीन व दानिस्ता जादू में फँसते हो