فَمَنْ يَّعْمَلْ مِنَ الصّٰلِحٰتِ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَلَا كُفْرَانَ لِسَعْيِهٖۚ وَاِنَّا لَهٗ كَاتِبُوْنَ ( الأنبياء: ٩٤ )
Then whoever
فَمَن
तो जो कोई
does
يَعْمَلْ
अमल करेगा
[of]
مِنَ
नेकियों में से
[the] righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेकियों में से
while he
وَهُوَ
जबकि वो
(is) a believer
مُؤْمِنٌ
मोमिन हो
then not
فَلَا
तो नहीं
(will be) rejected
كُفْرَانَ
कोई नाक़दरी
[of] his effort
لِسَعْيِهِۦ
उसकी कोशिश की
And indeed We
وَإِنَّا
और बेशक हम
of it
لَهُۥ
उसके लिए
(are) Recorders
كَٰتِبُونَ
लिखने वाले हैं
Faman ya'mal mina alssalihati wahuwa muminun fala kufrana lisa'yihi wainna lahu katiboona (al-ʾAnbiyāʾ 21:94)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जो अच्छे कर्म करेगा, शर्त या कि वह मोमिन हो, तो उसके प्रयास की उपेक्षा न होगी। हम तो उसके लिए उसे लिख रहे है
English Sahih:
So whoever does righteous deeds while he is a believer – no denial will there be for his effort, and indeed We [i.e., Our angels], of it, are recorders. ([21] Al-Anbya : 94)