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يَدْعُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا يَضُرُّهٗ وَمَا لَا يَنْفَعُهٗۗ ذٰلِكَ هُوَ الضَّلٰلُ الْبَعِيْدُ ۚ  ( الحج: ١٢ )

He calls
يَدْعُوا۟
वो पुकारता है
besides
مِن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
what
مَا
उसे जो
not
لَا
नहीं नुक़्सान देता उसे
harms him
يَضُرُّهُۥ
नहीं नुक़्सान देता उसे
and what
وَمَا
और जो
not
لَا
नहीं फ़ायदा देता उसे
benefits him
يَنفَعُهُۥۚ
नहीं फ़ायदा देता उसे
That
ذَٰلِكَ
यही है
[it]
هُوَ
वो
(is) the straying
ٱلضَّلَٰلُ
गुमराही
far away
ٱلْبَعِيدُ
दूर की

Yad'oo min dooni Allahi ma la yadurruhu wama la yanfa'uhu thalika huwa alddalalu alba'eedu (al-Ḥajj 22:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह अल्लाह को छोड़कर उसे पुकारता है, जो न उसे हानि पहुँचा सके और न उसे लाभ पहुँचा सके। यही हैं परले दर्जे की गुमराही

English Sahih:

He invokes instead of Allah that which neither harms him nor benefits him. That is what is the extreme error. ([22] Al-Hajj : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

खुदा को छोड़कर उन चीज़ों को (हाजत के वक्त) बुलाता है जो न उसको नुक़सान ही पहुँचा सकते हैं और न कुछ नफा ही पहुँचा सकते हैं