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لِّيَشْهَدُوْا مَنَافِعَ لَهُمْ وَيَذْكُرُوا اسْمَ اللّٰهِ فِيْٓ اَيَّامٍ مَّعْلُوْمٰتٍ عَلٰى مَا رَزَقَهُمْ مِّنْۢ بَهِيْمَةِ الْاَنْعَامِۚ فَكُلُوْا مِنْهَا وَاَطْعِمُوا الْبَاۤىِٕسَ الْفَقِيْرَ ۖ  ( الحج: ٢٨ )

That they may witness
لِّيَشْهَدُوا۟
ताकि वो देखें
benefits
مَنَٰفِعَ
फ़ायदों को
for them
لَهُمْ
अपने लिए
and mention
وَيَذْكُرُوا۟
और वो ज़िक्र करें
(the) name
ٱسْمَ
नाम
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
on
فِىٓ
मालूम दिनों में
days
أَيَّامٍ
मालूम दिनों में
known
مَّعْلُومَٰتٍ
मालूम दिनों में
over
عَلَىٰ
उस पर
what
مَا
जो
He has provided them
رَزَقَهُم
उसने रिज़्क़ दिया उन्हें
of
مِّنۢ
चौपायों में से
(the) beast
بَهِيمَةِ
चौपायों में से
(of) cattle
ٱلْأَنْعَٰمِۖ
मवेशियों के
So eat
فَكُلُوا۟
पस खाओ
of them
مِنْهَا
उसमें से
and feed
وَأَطْعِمُوا۟
और खिलाओ
the miserable
ٱلْبَآئِسَ
भूके
the poor
ٱلْفَقِيرَ
मोहताज को

Liyashhadoo manafi'a lahum wayathkuroo isma Allahi fee ayyamin ma'loomatin 'ala ma razaqahum min baheemati alan'ami fakuloo minha waat'imoo albaisa alfaqeera (al-Ḥajj 22:28)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ताकि वे उन लाभों को देखें जो वहाँ उनके लिए रखे गए है। और कुछ ज्ञात और निश्चित दिनों में उन चौपाए अर्थात मवेशियों पर अल्लाह का नाम लें, जो उसने उन्हें दिए है। फिर उसमें से स्वयं भी खाओ और तंगहाल मुहताज को भी खिलाओ।'

English Sahih:

That they may witness [i.e., attend] benefits for themselves and mention the name of Allah on known [i.e., specific] days over what He has provided for them of [sacrificial] animals. So eat of them and feed the miserable and poor. ([22] Al-Hajj : 28)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ताकि अपने (दुनिया व आखेरत के) फायदो पर फायज़ हों और खुदा ने जो जानवर चारपाए उन्हें अता फ़रमाए उनपर (ज़िबाह के वक्त) चन्द मुअय्युन दिनों में खुदा का नाम लें तो तुम लोग कुरबानी के गोश्त खुद भी खाओ और भूखे मोहताज को भी खिलाओ