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اَفَلَمْ يَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَتَكُوْنَ لَهُمْ قُلُوْبٌ يَّعْقِلُوْنَ بِهَآ اَوْ اٰذَانٌ يَّسْمَعُوْنَ بِهَاۚ فَاِنَّهَا لَا تَعْمَى الْاَبْصَارُ وَلٰكِنْ تَعْمَى الْقُلُوْبُ الَّتِيْ فِى الصُّدُوْرِ   ( الحج: ٤٦ )

So have not
أَفَلَمْ
क्या भला नहीं
they traveled
يَسِيرُوا۟
वो चले फिरे
in
فِى
ज़मीन में
the land
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and is
فَتَكُونَ
तो होते
for them
لَهُمْ
उनके लिए
hearts
قُلُوبٌ
दिल
(to) reason
يَعْقِلُونَ
वो अक़्ल से काम लेते
with it
بِهَآ
साथ उनके
or
أَوْ
या
ears
ءَاذَانٌ
कान
(to) hear
يَسْمَعُونَ
वो सुनते
with it?
بِهَاۖ
साथ उनके
For indeed [it]
فَإِنَّهَا
तो बेशक बात ये है कि
not
لَا
नहीं अँधी होतीं
(are) blinded
تَعْمَى
नहीं अँधी होतीं
the eyes
ٱلْأَبْصَٰرُ
आँखें
but
وَلَٰكِن
और लेकिन
(are) blinded
تَعْمَى
अँधे हो जाते हैं
the hearts
ٱلْقُلُوبُ
दिल
which
ٱلَّتِى
वो जो
(are) in
فِى
सीनों में हैं
the breasts
ٱلصُّدُورِ
सीनों में हैं

Afalam yaseeroo fee alardi fatakoona lahum quloobun ya'qiloona biha aw athanun yasma'oona biha fainnaha la ta'ma alabsaru walakin ta'ma alquloobu allatee fee alssudoori (al-Ḥajj 22:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या वे धरती में चले फिरे नहीं है कि उनके दिल होते जिनसे वे समझते या (कम से कम) कान होते जिनसे वे सुनते? बात यह है कि आँखें अंधी नहीं हो जातीं, बल्कि वे दिल अंधे हो जाते है जो सीनों में होते है

English Sahih:

So have they not traveled through the earth and have hearts by which to reason and ears by which to hear? For indeed, it is not eyes that are blinded, but blinded are the hearts which are within the breasts. ([22] Al-Hajj : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या ये लोग रूए ज़मीन पर चले फिरे नहीं ताकि उनके लिए ऐसे दिल होते हैं जैसे हक़ बातों को समझते या उनके ऐसे कान होते जिनके ज़रिए से (सच्ची बातों को) सुनते क्योंकि ऑंखें अंधी नहीं हुआ करती बल्कि दिल जो सीने में है वही अन्धे हो जाया करते हैं