وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا فَاُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِيْنٌ ࣖ ( الحج: ٥٧ )
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and denied
وَكَذَّبُوا۟
और झुठलाया
Our Verses
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
for them
لَهُمْ
उनके लिए
(will be) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब होगा
humiliating
مُّهِينٌ
रुस्वाकुन
Waallatheena kafaroo wakaththaboo biayatina faolaika lahum 'athabun muheenun (al-Ḥajj 22:57)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, उनके लिए अपमानजनक यातना है
English Sahih:
And they who disbelieved and denied Our signs – for those there will be a humiliating punishment. ([22] Al-Hajj : 57)