فَاِذَا نُفِخَ فِى الصُّوْرِ فَلَآ اَنْسَابَ بَيْنَهُمْ يَوْمَىِٕذٍ وَّلَا يَتَسَاۤءَلُوْنَ ( المؤمنون: ١٠١ )
So when
فَإِذَا
फिर जब
is blown
نُفِخَ
फूँक मारी जाएगी
in
فِى
सूर में
the trumpet
ٱلصُّورِ
सूर में
then not
فَلَآ
तो नहीं
(there) will be relationship
أَنسَابَ
रिश्तेदारियाँ
among them
بَيْنَهُمْ
दरमियान उनके
that Day
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
and not
وَلَا
और ना
will they ask each other
يَتَسَآءَلُونَ
वो एक दूसरे से सवाल करेंगे
Faitha nufikha fee alssoori fala ansaba baynahum yawmaithin wala yatasaaloona (al-Muʾminūn 23:101)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जब सूर (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी तो उस दिन उनके बीच रिश्ते-नाते शेष न रहेंगे, और न वे एक-दूसरे को पूछेंगे
English Sahih:
So when the Horn is blown, no relationship will there be among them that Day, nor will they ask about one another. ([23] Al-Mu'minun : 101)