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فَاِذَا اسْتَوَيْتَ اَنْتَ وَمَنْ مَّعَكَ عَلَى الْفُلْكِ فَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ نَجّٰىنَا مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ  ( المؤمنون: ٢٨ )

And when
فَإِذَا
फिर जब
you (have) boarded
ٱسْتَوَيْتَ
सवार हो जाओ तुम
you
أَنتَ
तुम
and whoever
وَمَن
और जो
(is) with you
مَّعَكَ
तुम्हारे साथ हैं
[on]
عَلَى
कश्ती पर
the ship
ٱلْفُلْكِ
कश्ती पर
then say
فَقُلِ
तो कहना
"Praise
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
(be) to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
Who
ٱلَّذِى
जिस ने
(has) saved us
نَجَّىٰنَا
निजात दी हमें
from
مِنَ
उन लोगों से
the people -
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
the wrongdoers'"
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Faitha istawayta anta waman ma'aka 'ala alfulki faquli alhamdu lillahi allathee najjana mina alqawmi alththalimeena (al-Muʾminūn 23:28)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब तू नौका पर सवार हो जाए और तेरे साथी भी तो कह, प्रशंसा है अल्लाह की, जिसने हमें ज़ालिम लोगों से छुटकारा दिया

English Sahih:

And when you have boarded the ship, you and those with you, then say, 'Praise to Allah who has saved us from the wrongdoing people.' ([23] Al-Mu'minun : 28)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ग़रज़ जब तुम अपने हमराहियों के साथ कश्ती पर दुरुस्त बैठो तो कहो तमाम हम्दो सना की सज़ावार खुदा ही है जिसने हमको ज़ालिम लोगों से नजात दी