मोमिनों की बात तो बस यह होती है कि जब अल्लाह और उसके रसूल की ओर बुलाए जाएँ, ताकि वह उनके बीच फ़ैसला करे, तो वे कहें, 'हमने सुना और आज्ञापालन किया।' और वही सफलता प्राप्त करनेवाले हैं
English Sahih:
The only statement of the [true] believers when they are called to Allah and His Messenger to judge between them is that they say, "We hear and we obey." And those are the successful. ([24] An-Nur : 51)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ईमानदारों का क़ौल तो बस ये है कि जब उनको ख़ुदा और उसके रसूल के पास बुलाया जाता है ताकि उनके बाहमी झगड़ों का फैसला करो तो कहते हैं कि हमने (हुक्म) सुना और (दिल से) मान लिया और यही लोग (आख़िरत में) कामयाब होने वाले हैं
2 Azizul-Haqq Al-Umary
ईमान वालों का कथन तो ये है कि जब अल्लाह और उसके रसूल की ओर बुलाये जायें, ताकि आप उनके बीच निर्णँय कर दें, तो कहें कि हमने सुन लिया तथा मान लिया और वही सफल होने वाले हैं।