وَعَدَ اللّٰهُ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مِنْكُمْ وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَيَسْتَخْلِفَنَّهُمْ فِى الْاَرْضِ كَمَا اسْتَخْلَفَ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْۖ وَلَيُمَكِّنَنَّ لَهُمْ دِيْنَهُمُ الَّذِى ارْتَضٰى لَهُمْ وَلَيُبَدِّلَنَّهُمْ مِّنْۢ بَعْدِ خَوْفِهِمْ اَمْنًاۗ يَعْبُدُوْنَنِيْ لَا يُشْرِكُوْنَ بِيْ شَيْـًٔاۗ وَمَنْ كَفَرَ بَعْدَ ذٰلِكَ فَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْفٰسِقُوْنَ ( النور: ٥٥ )
Wa'ada Allahu allatheena amanoo minkum wa'amiloo alssalihati layastakhlifannahum fee alardi kama istakhlafa allatheena min qablihim walayumakkinanna lahum deenahumu allathee irtada lahum walayubaddilannahum min ba'di khawfihim amnan ya'budoonanee la yushrikoona bee shayan waman kafara ba'da thalika faolaika humu alfasiqoona (an-Nūr 24:55)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ने उन लोगों से जो तुममें से ईमान लाए और उन्होने अच्छे कर्म किए, वादा किया है कि वह उन्हें धरती में अवश्य सत्ताधिकार प्रदान करेगा, जैसे उसने उनसे पहले के लोगों को सत्ताधिकार प्रदान किया था। औऱ उनके लिए अवश्य उनके उस धर्म को जमाव प्रदान करेगा जिसे उसने उनके लिए पसन्द किया है। और निश्चय ही उनके वर्तमान भय के पश्चात उसे उनके लिए शान्ति और निश्चिन्तता में बदल देगा। वे मेरी बन्दगी करते है, मेरे साथ किसी चीज़ को साझी नहीं बनाते। और जो कोई इसके पश्चात इनकार करे, तो ऐसे ही लोग अवज्ञाकारी है
English Sahih:
Allah has promised those who have believed among you and done righteous deeds that He will surely grant them succession [to authority] upon the earth just as He granted it to those before them and that He will surely establish for them [therein] their religion which He has preferred for them and that He will surely substitute for them, after their fear, security, [for] they worship Me, not associating anything with Me. But whoever disbelieves after that – then those are the defiantly disobedient. ([24] An-Nur : 55)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ ईमानदारों) तुम में से जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उन से ख़ुदा ने वायदा किया कि उन को (एक न एक) दिन रुए ज़मीन पर ज़रुर (अपना) नाएब मुक़र्रर करेगा जिस तरह उन लोगों को नाएब बनाया जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं और जिस दीन को उसने उनके लिए पसन्द फरमाया है (इस्लाम) उस पर उन्हें ज़रुर ज़रुर पूरी क़ुदरत देगा और उनके ख़ाएफ़ होने के बाद (उनकी हर आस को) अमन से ज़रुर बदल देगा कि वह (इत्मेनान से) मेरी ही इबादत करेंगे और किसी को हमारा शरीक न बनाएँगे और जो शख्स इसके बाद भी नाशुक्री करे तो ऐसे ही लोग बदकार हैं