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اِنَّكَ لَا تُسْمِعُ الْمَوْتٰى وَلَا تُسْمِعُ الصُّمَّ الدُّعَاۤءَ اِذَا وَلَّوْا مُدْبِرِيْنَ   ( النمل: ٨٠ )

Indeed you
إِنَّكَ
बेशक आप
(can)not
لَا
नहीं आप सुना सकते
cause to hear
تُسْمِعُ
नहीं आप सुना सकते
the dead
ٱلْمَوْتَىٰ
मुर्दों को
and not
وَلَا
और नहीं
can you cause to hear
تُسْمِعُ
आप सुना सकते
the deaf
ٱلصُّمَّ
बहरों को
the call
ٱلدُّعَآءَ
पुकार
when
إِذَا
जब
they turn back
وَلَّوْا۟
वो फिर जाऐं
retreating
مُدْبِرِينَ
पीठ फेर कर

Innaka la tusmi'u almawta wala tusmi'u alssumma alddu'aa itha wallaw mudbireena (an-Naml 27:80)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम मुर्दों को नहीं सुना सकते और न बहरों को अपनी पुकार सुना सकते हो, जबकि वे पीठ देकर फिरे भी जा रहें हो।

English Sahih:

Indeed, you will not make the dead hear, nor will you make the deaf hear the call when they have turned their backs retreating. ([27] An-Naml : 80)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक न तो तुम मुर्दों को (अपनी बात) सुना सकते हो और न बहरों को अपनी आवाज़ सुना सकते हो (ख़ासकर) जब वह पीठ फेर कर भाग ख़डें हो