قَالَ ذٰلِكَ بَيْنِيْ وَبَيْنَكَۗ اَيَّمَا الْاَجَلَيْنِ قَضَيْتُ فَلَا عُدْوَانَ عَلَيَّۗ وَاللّٰهُ عَلٰى مَا نَقُوْلُ وَكِيْلٌ ࣖ ( القصص: ٢٨ )
He said
قَالَ
उसने कहा
"That
ذَٰلِكَ
ये(बात तय) है
(is) between me
بَيْنِى
दर्मियान मेरे
and between you
وَبَيْنَكَۖ
और दर्मियान तुम्हारे
Whichever
أَيَّمَا
जो भी
(of) the two terms
ٱلْأَجَلَيْنِ
दो मुद्दतों में से
I complete
قَضَيْتُ
मैं पूरी कर दूँ
then no
فَلَا
तो ना होगी
injustice
عُدْوَٰنَ
कोई ज़्यादती
to me
عَلَىَّۖ
मुझ पर
and Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
over
عَلَىٰ
ऊपर
what
مَا
उसके जो
we say
نَقُولُ
हम कह रहे हैं
(is) a Witness"
وَكِيلٌ
निगरान है
Qala thalika baynee wabaynaka ayyama alajalayni qadaytu fala 'udwana 'alayya waAllahu 'ala ma naqoolu wakeelun (al-Q̈aṣaṣ 28:28)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहा, 'यह मेरे और आपके बीच निश्चय हो चुका। इन दोनों अवधियों में से जो भी मैं पूरी कर दूँ, तो तुझपर कोई ज़्यादती नहीं होगी। और जो कुछ हम कह रहे है, उसके विषय में अल्लाह पर भरोसा काफ़ी है।'
English Sahih:
[Moses] said, "That is [established] between me and you. Whichever of the two terms I complete – there is no injustice to me, and Allah, over what we say, is Witness." ([28] Al-Qasas : 28)