وَاَنْ اَلْقِ عَصَاكَ ۗفَلَمَّا رَاٰهَا تَهْتَزُّ كَاَنَّهَا جَاۤنٌّ وَّلّٰى مُدْبِرًا وَّلَمْ يُعَقِّبْۗ يٰمُوْسٰٓى اَقْبِلْ وَلَا تَخَفْۗ اِنَّكَ مِنَ الْاٰمِنِيْنَ ( القصص: ٣١ )
Waan alqi 'asaka falamma raaha tahtazzu kaannaha jannun walla mudbiran walam yu'aqqib ya moosa aqbil wala takhaf innaka mina alamineena (al-Q̈aṣaṣ 28:31)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यह कि 'डाल दे अपनी लाठी।' फिर जब उसने देखा कि वह बल खा रही है जैसे कोई साँप हो तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर भी न देखा। 'ऐ मूसा! आगे आ और भय न कर। निस्संदेह तेरे लिए कोई भय की बात नहीं
English Sahih:
And [he was told], "Throw down your staff." But when he saw it writhing as if it was a snake, he turned in flight and did not return. [Allah said], "O Moses, approach and fear not. Indeed, you are of the secure. ([28] Al-Qasas : 31)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और यह (भी आवाज़ आयी) कि तुम आपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दो फिर जब (डाल दिया तो) देखा कि वह इस तरह बल खा रही है कि गोया वह (ज़िन्दा) अजदहा है तो पीठ फेरके भागे और पीछे मुड़कर भी न देखा (तो हमने फरमाया) ऐ मूसा आगे आओ और डरो नहीं तुम पर हर तरह अमन व अमान में हो