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وَمَآ اُوْتِيْتُمْ مِّنْ شَيْءٍ فَمَتَاعُ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَزِيْنَتُهَا ۚوَمَا عِنْدَ اللّٰهِ خَيْرٌ وَّاَبْقٰىۗ اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ࣖ  ( القصص: ٦٠ )

And whatever
وَمَآ
और जो भी
you have been given
أُوتِيتُم
दिए गए तुम
from
مِّن
कोई चीज़
things
شَىْءٍ
कोई चीज़
(is) an enjoyment
فَمَتَٰعُ
पस सामान है
(of the) life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी का
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
and its adornment
وَزِينَتُهَاۚ
और रौनक़ उसकी
And what
وَمَا
और जो कुछ
(is) with
عِندَ
पास है
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
(is) better
خَيْرٌ
बेहतर है
and more lasting
وَأَبْقَىٰٓۚ
और ज़्यादा बाक़ी रहने वाला
So (will) not
أَفَلَا
क्या भला नहीं
you use intellect?
تَعْقِلُونَ
तुम अक़्ल से काम लेते

Wama ooteetum min shayin famata'u alhayati alddunya wazeenatuha wama 'inda Allahi khayrun waabqa afala ta'qiloona (al-Q̈aṣaṣ 28:60)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो चीज़ भी तुम्हें प्रदान की गई है वह तो सांसारिक जीवन की सामग्री और उसकी शोभा है। और जो कुछ अल्लाह के पास है वह उत्तम और शेष रहनेवाला है, तो क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते?

English Sahih:

And whatever thing you [people] have been given – it is [only for] the enjoyment of worldly life and its adornment. And what is with Allah is better and more lasting; so will you not use reason? ([28] Al-Qasas : 60)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और तुम लोगों को जो कुछ अता हुआ है तो दुनिया की (ज़रा सी) ज़िन्दगी का फ़ायदा और उसकी आराइश है और जो कुछ ख़ुदा के पास है वह उससे कही बेहतर और पाएदार है तो क्या तुम इतना भी नहीं समझते