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ثُمَّ كَانَ عَاقِبَةَ الَّذِيْنَ اَسَاۤءُوا السُّوْۤاٰىٓ اَنْ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ وَكَانُوْا بِهَا يَسْتَهْزِءُوْنَ ࣖ   ( الروم: ١٠ )

Then
ثُمَّ
फिर
was
كَانَ
हुआ
(the) end
عَٰقِبَةَ
अंजाम
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनका जिन्होंने
did evil -
أَسَٰٓـُٔوا۟
बुराई की
the evil
ٱلسُّوٓأَىٰٓ
बहुत बुरा
because
أَن
कि
they denied
كَذَّبُوا۟
उन्होंने झुठलाया
(the) Signs
بِـَٔايَٰتِ
अल्लाह की आयात को
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की आयात को
and were
وَكَانُوا۟
और थे वो
of them
بِهَا
उनका
making mockery
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Thumma kana 'aqibata allatheena asaoo alssooa an kaththaboo biayati Allahi wakanoo biha yastahzioona (ar-Rūm 30:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जिन लोगों ने बुरा किया था उनका परिणाम बुरा हुआ, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और उनका उपहास करते रहे

English Sahih:

Then the end of those who did evil was the worst [consequence] because they denied the signs of Allah and used to ridicule them. ([30] Ar-Rum : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जिन लोगों ने बुराई की थी उनका अन्जाम बुरा ही हुआ क्योंकि उन लोगों ने ख़ुदा की आयतों को झुठलाया था और उनके साथ मसखरा पन किया किए