किन्तु जिन लोगों को ज्ञान और ईमान प्रदान हुआ, वे कहते, 'अल्लाह के लेख में तो तुम जीवित होकर उठने के दिन ठहरे रहे हो। तो यही जीवित हो उठाने का दिन है। किन्तु तुम जानते न थे।'
English Sahih:
But those who were given knowledge and faith will say, "You remained the extent of Allah's decree until the Day of Resurrection, and this is the Day of Resurrection, but you did not used to know." ([30] Ar-Rum : 56)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन लोगों को (ख़ुदा की बारगाह से) इल्म और ईमान दिया गया है जवाब देगें कि (हाए) तुम तो ख़ुदा की किताब के मुताबिक़ रोज़े क़यामत तक (बराबर) ठहरे रहे फिर ये तो क़यामत का ही दिन है मगर तुम लोग तो उसका यक़ीन ही न रखते थे
2 Azizul-Haqq Al-Umary
तथा कहेंगे, जो ज्ञान दिये गये तथा ईमान कि तुम रहे हो अल्लाह के लेख में प्रलय के दिन तक, तो अब ये प्रलय का दिन है और परन्तु, तुम विश्वास नहीं रखते थे।