قُلْ لَّنْ يَّنْفَعَكُمُ الْفِرَارُ اِنْ فَرَرْتُمْ مِّنَ الْمَوْتِ اَوِ الْقَتْلِ وَاِذًا لَّا تُمَتَّعُوْنَ اِلَّا قَلِيْلًا ( الأحزاب: ١٦ )
Say
قُل
कह दीजिए
"Never
لَّن
हरगिज़ नहीं
will benefit you
يَنفَعَكُمُ
फ़ायदा देगा तुम्हें
the fleeing
ٱلْفِرَارُ
भागना
if
إِن
अगर
you flee
فَرَرْتُم
भागे तुम
from
مِّنَ
मौत से
death
ٱلْمَوْتِ
मौत से
or
أَوِ
या
killing
ٱلْقَتْلِ
क़त्ल से
and then
وَإِذًا
और तब
not
لَّا
ना तुम फ़ायदा दिए जाओगे
you will be allowed to enjoy
تُمَتَّعُونَ
ना तुम फ़ायदा दिए जाओगे
except
إِلَّا
मगर
a little"
قَلِيلًا
बहुत थोड़ा
Qul lan yanfa'akumu alfiraru in farartum mina almawti awi alqatli waithan la tumatta'oona illa qaleelan (al-ʾAḥzāb 33:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'यदि तुम मृत्यु और मारे जाने से भागो भी तो यह भागना तुम्हारे लिए कदापि लाभप्रद न होगा। और इस हालत में भी तुम सुख थोड़े ही प्राप्त कर सकोगे।'
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "Never will fleeing benefit you if you should flee from death or killing; and then [if you did], you would not be given enjoyment [of life] except for a little." ([33] Al-Ahzab : 16)