لَا يَحِلُّ لَكَ النِّسَاۤءُ مِنْۢ بَعْدُ وَلَآ اَنْ تَبَدَّلَ بِهِنَّ مِنْ اَزْوَاجٍ وَّلَوْ اَعْجَبَكَ حُسْنُهُنَّ اِلَّا مَا مَلَكَتْ يَمِيْنُكَۗ وَكَانَ اللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ رَّقِيْبًا ࣖ ( الأحزاب: ٥٢ )
La yahillu laka alnnisao min ba'du wala an tabaddala bihinna min azwajin walaw a'jabaka husnuhunna illa ma malakat yameenuka wakana Allahu 'ala kulli shayin raqeeban (al-ʾAḥzāb 33:52)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसके पश्चात तुम्हारे लिए दूसरी स्त्रियाँ वैध नहीं और न यह कि तुम उनकी जगह दूसरी पत्नियों ले आओ, यद्यपि उनका सौन्दर्य तुम्हें कितना ही भाए। उनकी बात औऱ है जो तुम्हारी लौंडियाँ हो। वास्तव में अल्लाह की स्पष्ट हर चीज़ पर है
English Sahih:
Not lawful to you, [O Muhammad], are [any additional] women after [this], nor [is it] for you to exchange them for [other] wives, even if their beauty were to please you, except what your right hand possesses. And ever is Allah, over all things, an Observer. ([33] Al-Ahzab : 52)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) अब उन (नौ) के बाद (और) औरतें तुम्हारे वास्ते हलाल नहीं और न ये जायज़ है कि उनके बदले उनमें से किसी को छोड़कर और बीबियाँ कर लो अगर चे तुमको उनका हुस्न कैसा ही भला (क्यों न) मालूम हो मगर तुम्हारी लौंडियाँ (इस के बाद भी जायज़ हैं) और खुदा तो हर चीज़ का निगरॉ है