۞ قُلْ مَنْ يَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ قُلِ اللّٰهُ ۙوَاِنَّآ اَوْ اِيَّاكُمْ لَعَلٰى هُدًى اَوْ فِيْ ضَلٰلٍ مُّبِيْنٍ ( سبإ: ٢٤ )
Qul man yarzuqukum mina alssamawati waalardi quli Allahu wainna aw iyyakum la'ala hudan aw fee dalalin mubeenin (Sabaʾ 34:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'कौन तुम्हें आकाशों और धरती में रोज़ी देता है?' कहो, 'अल्लाह!' अब अवश्य ही हम है या तुम ही हो मार्ग पर, या खुली गुमराही में
English Sahih:
Say, "Who provides for you from the heavens and the earth?" Say, "Allah. And indeed, we or you are either upon guidance or in clear error." ([34] Saba : 24)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो मुक़र्रिब फरिश्ते कहते हैं कि जो वाजिबी था (ऐ रसूल) तुम (इनसे) पूछो तो कि भला तुमको सारे आसमान और ज़मीन से कौन रोज़ी देता है (वह क्या कहेंगे) तुम खुद कह दो कि खुदा और मैं या तुम (दोनों में से एक तो) ज़रूर राहे रास्त पर है (और दूसरा गुमराह) या वह सरीही गुमराही में पड़ा है (और दूसरा राहे रास्त पर)